अंत:समूह एवं बाह्य समूह में पाए जाने वाले प्रमुख अंतर निम्न प्रकार हैं-
⦁ अंत:समूह को व्यक्ति अपना समूह मानता है अर्थात् इसके सदस्यों में अपनत्व की भावना पाई जाती है, जबकि बाह्य समूह को व्यक्ति पराया समूह मानता है अर्थात् इसके सदस्यों के प्रति अपनत्व की भावना का अभावं पाया जाता है।
⦁ अंत:समूह के सदस्यों में पाए जाने वाले संबंध घनिष्ठ होते हैं, जबकि बाह्य समूह के सदस्यों के प्रति घनिष्ठता नहीं पायी जाती है।
⦁ अंत:समूह के सदस्य अपने समूह के दु:खों एवं सुखों को अपना दु:ख एवं सुख मानते हैं, जबकि बाह्य समूह के प्रति इस प्रकार की भावना का अभाव होता है।
⦁ अंत:समूह के सदस्य प्रेम, स्नेह, त्याग व सहानुभूति के भावों से जुड़े होते हैं, जबकि बाह्य समूह के प्रति द्वेष, घृणी, प्रतिस्पर्धा एवं पक्षपात के भाव पाए जाते हैं।