समिति का अर्थ हर तरह से समुदाय के विपरीत है। आधुनिक शहरी जीवन में स्पष्ट रूप से देखे जाने वाले अवैयक्तिक, बाहरी एवं अस्थायी संबंध समिति के द्योतक हैं। वस्तुतः मनुष्य अकेला अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकता; अतः परस्पर संगठन और परस्पर सहयोग के लिए ‘समिति’ या ‘संघ’ का निर्माण किया जाता है। जब एक से अधिक व्यक्ति आपस में मिलकर किसी विशिष्ट उद्देश्य या उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु संगठित होकर प्रयास करते हैं तो उस संगठन को ही समिति कहा जाता है। मैकाइवर तथा पेज के अनुसार, “सामान्य रूप से किसी एक हित या कुछ हितों की प्राप्ति के लिए चेतन रूप से निर्मित संगठन को ‘समिति’ कहते हैं। इस भाँति, गिलिन तथा गिलिन के अनुसार, “समिति व्यक्तियों का ऐसा समूह है जो किसी विशिष्ट हित या हितों के लिए संठित होता है तथा मान्यता प्राप्त या स्वीकृत विधियों और व्यवहारों द्वारा कार्य करता है। परिवार, चर्च, मजदूर, संगठन, छात्र-संघ, संगीत-क्लब, बाढ़ सहायता समिति इत्यादि समिति के प्रमुख उदाहरण हैं।