जाति के दो प्रमुख गुण या कार्य निम्नलिखित हैं-
⦁ मानसिक समूह-जाति के कार्य सुनिश्चित होते हैं। जाति के सदस्यों को इस बात को सोचने की आवश्यकता नहीं है कि वे अपनी आजीविका के लिए किस व्यवसाय को करेंगे क्योंकि जाति का व्यवसाय तो पूर्व निश्चित होता है। इस दृष्टि से जाति मानसिक सुरक्षा का काम करती है।
⦁ अधिकारों की सुरक्षा–एक व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा संगठन के अभाव में नहीं कर सकता है किंतु एक विशिष्ट जाति का सदस्य होने के नाते वह जातीय संगठन के माध्यम से अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है। आधुनिक प्रजातंत्र के युग में जिस जाति का संगठन सुदृढ़ होता है उसे जाति के सदस्य अपने अधिकारों की रक्षा आसानी से कर सकते हैं।