प्राथमिक समूह वे समूह हैं जिनमें लघु आकार के कारण व्यक्ति परस्पर एक-दूसरे से भली प्रकार परिचित होते हैं। जिन समूहों में प्राथमिक संबंध पाए जाते हैं, उन्हें प्राथमिक समूह कहते हैं। इस प्रकार प्राथमिक समूहों के सदस्यों में परस्पर घनिष्ठता होती है और वे परस्पर एक-दूसरे से प्रत्यक्ष संबंध रखते हैं। व्यक्ति के लिए इनको अत्यधिक महत्त्व होता है, इस कारण प्रत्येक व्यक्ति इनके प्रति बहुत निष्ठा रखता है। लुण्डबर्ग के अनुसार, “प्राथमिक समूहों का तात्पर्य दो या दो से अधिक ऐसे व्यक्तियों से है जो घनिष्ठ, सहभागी और वैयक्तिक ढंग से एक-दूसरे से व्यवहार करते हैं।” प्राथमिक समूह की चार विशेषताएँ हैं-
⦁ भौतिक निकटता
⦁ समूह की लघुता
⦁ स्थायित्व
⦁ हम की भावना