मनुष्यों ने अपनी आवश्यकताओं के कारण अनेक आविष्कारों को जन्म दिया है। ये आविष्कार हमारी संस्कृति के भौतिक तत्त्व माने जाते हैं। इस प्रकार भौतिक संस्कृति उन आविष्कारों का नाम है। जिनको मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं के कारण जन्म दिया है। यह भौतिक संस्कृति मानव-जीवन के बाह्य रूप से संबंधित है। भौतिक संस्कृति को ही सभ्यता कहा जाता है। मोटर, रेलगाड़ी, हवाईजहाज, मेज-कुर्सी, बिजली का पंखा आदि सभी भौतिक तत्त्व; भौतिक संस्कृति अथवा सभ्यता के ही प्रतीक है। संस्कृति के भौतिक पक्ष को मैथ्यू आरनोल्ड, अल्फर्ड, वेबर तथा मैकाइवर एवं पेज ने ही सभ्यता कहा है। भौतिक संस्कृति अथवा सभ्यता की परिभाषा करते हुए मैकाइवर और पेज ने लिखा है कि “मनुष्य ने अपने जीवन की दशाओं को नियंत्रित करने के प्रयत्न से जिस संपूर्ण कला-विन्यास की रचना की है, उसे सभ्यता कहते हैं।”