संस्कृति सभ्यता को निम्नलिखित योगदान करती है–
⦁ संस्कृति सभी वस्तुओं एवं विषयों का अंतिम माप है-संस्कृति केवल विचारों और आचारों का माप मात्र नहीं है वरन् इसके मूल्यों व आदर्शों के आधार पर ही संसार की हर वस्तु या घटना का अर्थ लगाया जाता है। उदाहरणार्थ-सिक्खों में ‘कृपाण धार्मिक आवश्यकता है जो सभ्यता का भाग होते हुए भी आज के युग में केवल सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में प्रचलित है।
⦁ सभ्यता में संस्कृति की भूमिका–समाज अपनी शक्तियों, साधनों व आविष्कारों का निर्माण व प्रयोग संस्कृति द्वारा निर्धारित दिशा के अनुसार ही करता है। मैकाइवर तथा पेज ने लिखा है कि “सभ्यता संबंधी साधनों को उस एक जहाज के रूप में देखा जा सकता है जो कि विभिन्न बंदरगाहों पर जा सकता है; परंतु वह बंदरगाह, जिधर हम बढ़ते हैं, सांस्कृतिक वरण है।”