सभ्यता संस्कृति को निम्नलिखित योगदान करती है-
⦁ सभ्यता संस्कृति की वाहक है–संस्कृति को पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित करने का कार्य सभ्यता करती है। रवींद्रनाथ ठाकुर की कविताएँ, विचार, लेख, गीत (जो संस्कृति के तत्त्व हैं)–पुस्तक (जो सभ्यता का तत्त्व है) रूप में छपे हैं और उनके विचारों से अन्य लोग आज भी लाभांवित होते हैं।
⦁ सभ्यता संस्कृति के प्रसार में सहायक है-संस्कृति के तत्त्व सभ्यता के द्वारा प्रसारित होते हैं। उदाहरणार्थ-मार्क्स के विचार दुनिया के कोने-कोने में प्रसारित हुए हैं। इनका प्रसार संचार के साधनों; जैसे-प्रेस तथा रेडियो (जोकि सभ्यता के प्रतीक हैं) के माध्यम से किया गया है।
⦁ सभ्यता संस्कृति का वातावरण है—सभ्यता में विकास के साथ-साथ संस्कृति को सभ्यता के अनुसार सामंजस्य स्थापित करना पड़ता है। उदाहरणार्थ-औद्योगीकरण के कारण हमारा जीवन बहुत व्यस्त हो गया है जिसके परिणामस्वरूप विवाह की प्रक्रिया बहुत छोटी हो गई है। जो विवाह संस्कार पहले आठ-नौ घंटे में संपन्न होता था वह आज आधा घंटे में ही पूरा हो जाता है।