साक्षात्कार दो या दो से अधिक व्यक्तियों की आमने-सामने होने वाली एक बैठक है। इसमें एक पक्ष तो साक्षात्कारकर्ता का है, जबकि दूसरा पक्ष एक या अधिक सूचनादाताओं की है। आज इसका प्रयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। अनुसंधान पद्धति के रूप में साक्षात्कार के प्रमुख लक्षण निम्नांकित हैं-
⦁ अनुसंधान की प्रविधि-साक्षात्कार सामाजिक अनुसंधान एवं सर्वेक्षणों में प्रयोग की जाने वाली एक प्रविधि है, जिसका उद्देश्य समस्या की प्रकृति के अनुरूप सूचनादाताओं से सूचना एकत्रित करने में सहायता प्रदान करना है। यह आँकड़े एकत्रित करने की अपने में पूर्ण प्रविधि है; यद्यपि इसका प्रयोग एक सहायक अथवा पूरक प्रविधि के रूप में भी किया जाता है।
⦁ प्रत्यक्ष संपर्क–साक्षात्कार, जैसाकि इसकी परिभाषाओं से ही स्पष्ट है, आमने-सामने की एक बैठक है, जिसमें साक्षात्कारकर्ता एवं सूचनादाता प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित करते हैं; अर्थात् आमने-सामने बैठकर समस्या के बारे में वार्तालाप द्वारा साक्षात्कारकर्ता सूचनादाता से सूचनाएँ एकत्रित करता है।
⦁ सर्वाधिक प्रचलित प्रविधि–साक्षात्कार सामाजिक अन्वेषण एवं सर्वेक्षणों में प्रयोग होने वाली सर्वाधिक प्रचलित प्रविधि है। आज अधिकांश अध्ययनों से इसे एक स्वतंत्र प्रविधि के रूप में अथवा सहायक या पूरक प्रविधि के रूप में अपनाया जा रहा है।
⦁ अधिकतम जानकारी-प्रत्यक्ष या आमने-सामने का संपर्क होने के कारण साक्षात्कार प्रविधि द्वारा साक्षात्कारकर्ता सूचनादाता से अधिकतम सूचनाएँ एकत्रित कर लेता है। यदि संपर्क ठीक प्रकार से हुआ है तो सूचनादाता समस्या के सभी पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दे देता है।
⦁ प्रमाणिक सूचनाएँ-साक्षात्कार द्वारा एकत्रित सूचनाएँ अधिक प्रमाणित होती हैं। मोजर (Moser) ने अपनी परिभाषा में ही इस तथ्य की महत्ता पर बल दिया है। बड़े सर्वेक्षणों में यह निश्चित रूप से अन्य प्रविधियों की तुलना में अधिक प्रमाणित सूचनाएँ एकत्रित करने में सहायक है।
⦁ सभी प्रकार के सूचनादाताओं के लिए उपयोगी–साक्षात्कार एक ऐसी प्रविधि है, जो सभी प्रकार के सूचनादाताओं से सूचना एकत्रित करने में सहायक है। इसमें सूचनादाताओं को पढ़ा-लिखा होना अनिवार्य नहीं है (जैसा कि प्रश्नावली में है), अपितु यह सभी प्रकार की पृष्ठभूमि के सूचनादाताओं से सूचना एकत्रित करने में सहायक है।