असहभागी अवलोकन के दो प्रमुख दोष निम्नलिखित हैं-
⦁ पूर्ण असहभागिता असंभव-असहभागी अवलोकन में अनुसंधानकर्ता समूह के सदस्यों के कार्यों में भाग नहीं लेता है, किंतु विशुद्ध रूप से असहभागी अवलोकन संभव नहीं है। | अनुसंधानकर्ता अवलोकित सदस्यों की क्रियाओं से कुछ-न-कुछ प्रभावित हुए बिना अध्ययन नहीं कर सकता है। इसलिए गुड तथा हैट का कहना है कि पूर्ण सहभागिता की तरह पूर्ण असहभागिता भी संभव नहीं है।
⦁ गहन अध्ययन असंभव-असहभागी अवलोकन गहन अध्ययनों में अधिक सहायक नहीं है। क्योंकि इससे अनुसंधानकर्ता समूह में सहभागिता नहीं करता तथा अपेक्षाकृत कम समय के लिए समूह में रहता है, इसलिए वह समस्या के विभिन्न पहलुओं का गहराई से अध्ययन नहीं कर पाता है। इसके द्वारा केवल सतही अध्ययन ही संभव है।