इस प्रकार का साक्षात्कार उत्तरदाता की उन परिस्थतियों के संबंध में किया जाता है, जिनमें उत्तरदाता पहले रहे चुका हो। इस प्रकार के साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ता का ध्यान उसी परिस्थिति पर केंद्रित रहता है, जिसका पूर्वज्ञान साक्षात्कारदाता को है। साक्षात्कारकर्ता यह जानने का प्रयास करता है। कि अमुक परिस्थिति का उत्तरदाता पर क्या प्रभाव पड़ा है। इस प्रकार के साक्षात्कार को केंद्रित साक्षात्कार इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें किसी घटना या इसके किसी विशेष अंग पर ही ध्यान । केद्रित करके प्रश्न पूछे जाते हैं। उदाहरणार्थ-एक साक्षात्कारदाता ने कोई फिल्म देखी है; तो साक्षात्कारकर्ता केंद्रित साक्षात्कार में यह जानने का प्रयास करता है कि साक्षात्कारदाता पर उस फिल्म का क्या प्रभाव पड़ा है। इस प्रकार के साक्षात्कार में अनुसंधानकर्ता साक्षात्कारदाता को किसी प्रकार का कोई निर्देश नहीं देता,, वह निश्चित विषय या परिस्थति के अतिरिक्त अन्य किसी विषय या परिस्थिति पर केंद्रित नहीं रहता। इसके अतिरिक्त, इसमें साक्षात्कारकर्ता विषय का व्यक्तिगत रूप में गहन अध्ययन करता है। इस प्रकार के साक्षात्कार का प्रयोग रोबर्ट के० मर्टन ने रेडियो के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए किया था। आज केंद्रित साक्षात्कार, जनसंचार, अनुसंधान में एक प्रमुख प्रविधि बन चुका है।