एक अच्छे अवलोकनकर्ता के गुण अवलोकन इतना सरल कार्य नहीं है जितना कि यह ऊपर से देखने में लगता है; अत: इसे ठीक प्रकार से करने के लिए तथा सही व वस्तुनिष्ठ सूचनाएँ एकत्रित करने के लिए एक कुशल अवलोकनकर्ता की आवश्यकता होती है। एक अच्छे अवलोकनकर्ता में निम्नांकित प्रमुख गुण पाए जाते हैं-
⦁ बुद्धिबल—एक अच्छे अवलोकनकर्ता में बुद्धिबल होना अत्यंत अनिवार्य है। इसी बुद्धिमानी के आधार पर क्ह अपनी समस्या से संबंधित अर्थपूर्ण व वस्तुनिष्ठ सूचनाओं का संकलन करता
⦁ विभिन्न साधनों व पद्धतियों का ज्ञान-एक अच्छे अवलोकनकर्ता को शोध कार्य को सफल बनाने के लिए विभिन्न साधनों व पद्धतियों का भी ज्ञान होना अनिवार्य है। वह अनेक अन्य पद्धतियों का प्रयोग सहायक पद्धतियों के रूप में करके अवलोकन द्वारा एकत्रित सूचनाओं को अधिक विश्वसनीय बना सकता है।
⦁ सामाजिक जटिलता का ज्ञान-एक अच्छे अवलोकनकर्ता अथवा अनुसंधानकर्ता को सामाजिक व्यवहार तथा सामाजिक घटनाओं की जटिलता का भी पूर्ण ज्ञान होना चाहिए ताकि वह सभी सूचनाएँ एकत्रित कर सके। बिना इस ज्ञान के अधिक अर्थपूर्ण सूचनाएँ एकत्रित नहीं की जा सकतीं।
⦁ सामाजिक मनोविज्ञान का ज्ञान-एक अच्छे व कुशल अवलोकनकर्ता का एक अच्छा मनोवैज्ञानिक होना भी अनिवार्य है ताकि वह अवलोकित समूह के सदस्यों को ठीक प्रकार से समझकर तथा उनका विश्वास प्राप्त करके ठीक सूचनाएँ एकत्रित कर सके।
⦁ आवश्यक सूचनाओं के संकलन की क्षमता-एक अच्छे अनुसंधानकर्ता को अवलोकित विषय-क्षेत्र तथा समस्या के संबंध में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए ताकि वह आवश्यक सूचनाओं का संकलन कर सके।
⦁ दूरदर्शिता तथा व्यवहारकुशलता–एक अवलोकनकर्ता को दूरदर्शी होना चाहिए। उसे बहुत हो साच-समझकर कार्य करना चाहिए और अपने व्यवहार को परिस्थितियों के अनुकूल नियंत्रित रखना चाहिए। उसमें इतनी व्यवहारकुशलता होनी चाहिए कि वह दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर सके तथा सदस्यों से पूर्ण सहयोग प्राप्त कर सके।
निष्कर्ष-उपर्युक्त विवेचन से यह स्पष्ट हो जाता है कि अगर सभी गुणों से संपन्न व्यक्ति एक कुशल अवलोकनकर्ता अथवा अनुसंधानकर्ता होगा तो वह अवलोकन के दोषों, जिनमें से अधिकांश अवलोकनकर्ता से ही संबंधित हैं, को दूर कर सकता है। आजकल सामूहिक अवलोकन द्वारा यह कार्य संभव हो गया है।