Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
685 views
in Sociology by (52.9k points)
closed by

सामाजिक सर्वेक्षण के प्रमुख प्रकारों की विवचेना कीजिए।

1 Answer

+1 vote
by (55.1k points)
selected by
 
Best answer

सामाजिक सर्वेक्षणों के प्रकार
आज सामाजिक सर्वेक्षणों का विषय-क्षेत्र इतना अधिक विस्तृत है कि सामाजिक सर्वेक्षणों के कितने प्रकार हैं, यह बताना कठिन हो गया है। उद्देश्यों, विषय-वस्तु, प्रकृति एवं समयावधि के अनुसार सामाजिक सर्वेक्षणों का वर्गीकरण करने का प्रयास किया गया है।

वेल्स (Wells) ने सामाजिक सर्वेक्षणों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है-
⦁    प्रचार सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षण सामान्यत: सरकारी योजनाओं अथवा सरकार द्वारा बनाए गए सामाजिक विधानों का प्रचार करने के उद्देश्य से किए जाते हैं। अन्य शब्दों में, इनका उद्देश्यं जनता में किसी बात के बारे में जागृति पैदा करना होता है।।
⦁    तथ्य संकलन सर्वेक्षण—इस प्रकार के सर्वेक्षणों का उद्देश्य सामाजिक जीवन अथवा सामाजिक घटनाओं के बारे में तथ्यों का पता लगाना होता है। अगर इस कार्य में वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग किया जाता है तो ऐसे सर्वेक्षण ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कहे जाते हैं। अगर तथ्यों के संकलन के आधार पर किसी समस्या का समाधान बताना है तो ऐसे सर्वेक्षण व्यावहारिक सर्वेक्षण कहे जाते हैं।

यंग (Young) ने सामाजिक सर्वेक्षणों के निम्नांकित दो प्रकारों का उल्लेख किया है-
⦁    प्रसंगात्मक सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षणों का उद्देश्य सामाजिक जीवन के किसी एक पक्ष (जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक स्थिति आदि) के बारे में सूचना प्राप्त करना होता है। क्योंकि | ऐसे सर्वेक्षणों का एक ही प्रसंग होता है, इसलिए इन्हें प्रसंगात्मक सर्वेक्षण कहा जता है।।
⦁    सामान्य सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षण बहुपक्षीय विस्तृत अध्ययन पर आधारित होते हैं। राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा इस प्रकार के सर्वेक्षण अधिकतर किए जाते हैं। इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य व्यक्तियों के सामान्य जीवन को समझना होता है।

हाइमन (Hyman) ने सामाजिक सर्वेक्षणों को निम्नलिखित दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया है-
⦁    वर्णनात्मक सर्वेक्षण—इस प्रकार के सर्वेक्षणों को ‘विवरणात्मक सर्वेक्षण’ भी कहा जाता है, क्योंकि इनका उद्देश्य सामाजिक जीवन, सामाजिक घटना, सामाजिक दशा अथवा सामाजिक प्रक्रिया का विवरण प्राप्त करना होता है। इन सर्वेक्षणों में वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग किया जाता
⦁    अन्वेषणात्मक सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षणों को व्याख्यात्मक सर्वेक्षण’ भी कहा जाता है; क्योंकि इनमें किसी घटना के विभिन्न कारकों की व्याख्या करने का प्रयास किया जाता है। अगर इनको उद्देश्य किसी कार्यक्रम का मूल्यांकन करना है तथा उसे प्रभावित करने वाले कारकों का पता लगाना है तो ऐसे सर्वेक्षण को ‘कार्यक्रम संबंधी सर्वेक्षण’ कहा जाता है। अगर सर्वेक्षण का उद्देश्य किसी समस्या के कारणों का पता लगाकर उसका निदान बताना है तो । ऐसे सर्वेक्षण को ‘निदानात्मक सर्वेक्षण’ कहा जाता है। अगर सर्वेक्षण का उद्देश्य भावी नीति बनाना है तो उसे ‘भविष्य निर्देशित सर्वेक्षण’ कहा जाता है। कुछ सर्वेक्षण ऐसे भी होते हैं, जिनका उद्देश्य पहले से किए गए सर्वेक्षणों से प्राप्त जानकारी की सत्यता की जाँच करना होता है। ऐसे सर्वेक्षणों को द्वितीयक सर्वेक्षण’ कहा जाता है।

सर्वेक्षणों को प्रकृति, उद्देश्यों एवं विषय-वस्तु के आधार पर निम्नांकित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-

⦁    जनगणना सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षण संपूर्ण समाज अथवा संपूर्ण समुदाय की इकाइयों का अध्ययन करते हैं। भारत में हर दस वर्ष बाद होने वाली जनगणना इस प्रकार के सर्वेक्षण का ही उदाहरण है।
⦁    निदर्शन सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षण में संपूर्ण समाज अथवा समुदाय का अध्ययन न करके उनका प्रतिनिधित्व करने वाली इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। आजकले अधिकांश सर्वेक्षण निदर्शन पर ही आधारित होते हैं।
⦁    मूल्यांकन सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षणों का उद्देश्य सामाजिक जीवन अथवा सामाजिक घटना के विभिन्न पक्षों का मूल्यांकन करना होता है।
⦁    मनोवृत्ति सर्वेक्षण-इस प्रकार के सर्वेक्षणों का उद्देश्य किसी समस्या अथवा घटना के बारे में – लोगों की मनोवृत्तियों का पता लगाना होता है।

उपर्युक्त सर्वेक्षणों के अतिरिक्त ग्रामीण सर्वेक्षण, नगरीय सर्वेक्षण, सरकारी सर्वेक्षण, अर्द्ध-सरकारी सर्वेक्षण, गैर-सरकारी सर्वेक्षण, गोपनीय सर्वेक्षण, सहकारी सर्वेक्षण, गुणात्मक सर्वेक्षण, गणनात्मक सर्वेक्षण, सामान्य सर्वेक्षण, विशिष्ट सर्वेक्षण, नियमित सर्वेक्षण, कार्यवाहक सर्वेक्षण, अंतिम सर्वेक्षण आदि सर्वेक्षणों का भी प्रयोग आधुनिक समाजों में किया जाने लगा है।

निष्कर्ष-उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट हो जाता है कि समाजशास्त्र में अनेक प्रकार के सर्वेक्षणों का प्रयोग किया जाता है। वस्तुतः सर्वेक्षणों का प्रयोग समाजशास्त्र तक ही सीमित नहीं है। लगभग सभी विषयों में सर्वेक्षणों का किसी-न-किसी रूप में प्रयोग किया जाने लगा है।

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...