किसी भी समस्या पर अनुसंधान करना इतना सरल नहीं है जितना कि यह ऊपर से प्रतीत होता है। वास्तव में, यह एक ऐसी कला है, जिसमें हर कोई व्यक्ति पारंगत नहीं हो सकता। इसके लिए कुशल अनुसंधानकर्ता अथवा साक्षात्कारकर्ता की आवश्यकता होती है। एक अच्छा अनुसंधानकर्ता ही अच्छी तरह से सूचनाएँ एकत्रित कर सकता है और सही निष्कर्ष निकाल सकता है।
एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता के गुण
सामाजिक अंवेषण में वास्तविक सूचनाएँ एकत्रित करना एक कठिन कार्य है। सफल अनुसंधानकर्ता अथवा साक्षात्कारकर्ता अपनी सूझ-बूझ के आधार पर इसे अधिक सरल बना देता है। एक अच्छे अनुसंधानकर्ता अथवा साक्षात्कारकर्ता में निम्नलिखित गुण होने अनिवार्य हैं
⦁ उच्च व्यक्तित्व–एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता या अनुसंधानकर्ता का सबसे प्रथम गुण उसका अच्छा एवं उच्च व्यक्तित्व है। उसके व्यक्तित्व का इतना प्रभाव होना चाहिए कि सूचनादाता उसे सूचनाएँ देने के लिए तत्पर हो जाए।
⦁ उन्मुक्त वार्तालाप की क्षमता साक्षात्कारकर्ता में उन्मुक्त वार्तालाप करने की क्षमता होनी चाहिए। साक्षात्कारकर्ता को चाहिए कि वह सूचनादाता को वार्तालाप करने की पूर्ण सुविधा दे। यदि साक्षात्कारकर्ता में समय-समय पर सूचनादाता को प्रोत्साहन देने की क्षमता हो तो वह सूचनादाता से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकता है।
⦁ सत्यता की खोज की क्षमता-साक्षात्कारदाता अथवा सूचनादाता विविध प्रकार के व्यक्ति होते हैं, जो कई बार भावावेश में आकर बढ़-चढ़कर बातें बनाने लगते हैं या पक्षपातपूर्ण तथ्यों को प्रस्तुत करते हैं या कुछ तथ्यों को छिपाने का प्रयास करते हैं। इन परिस्थितियों में सही सूचना की प्राप्ति की संभावना अत्यधिक कम रहती है। ऐसी परिस्थितियों में एक सफल वे कुशल साक्षात्कारकर्ता में ऐसे गुणों का होना आवश्यक है, जिनके आधार पर वह दी गई सूचनाओं में से सत्यता का अंश निकाल सके तथा वह इस बात का अनुमान लगा सके कि सूचनादाता द्वारा दी गई सूचनाओं में सत्यता का अंश कितना है।।
⦁ उच्च कोटि की मनोवैज्ञानिकता–-एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता में उच्च कोटि की मनोवैज्ञानिकता होना भी अनिवार्य है। यह मनोवैज्ञानिकता साक्षात्कारदाताओं के हृदय को पहचानने में तथा उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से उत्तर एवं सूचना देने के लिए तत्पर करने में तथा बीच-बीच में प्रेरणा देने में सहायता प्रदान करती है।
⦁ सक्रिय सहयोग लेने की क्षमता–साक्षात्कारकर्ता में इतनी क्षमता एवं योग्यता का होना आवश्यक है कि वह सूचनादाताओं से अधिक-से-अधिक सहयोग ले सके। यदि साक्षात्कारदाता साक्षात्कारकर्ता से मिलकर कार्य नहीं करेगा या उसको सहयोग नहीं देगा तो साक्षत्कारकर्ता अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकता।
⦁ निष्पक्षता तथा ईमानदारी–एक सफल साक्षात्कारकर्ता का एक अन्य विशिष्ट गुण निष्पक्षता तथा ईमानदारी है। एक साक्षात्कारकर्ता को निष्पक्ष भाव से सूचनादाताओं के पास जाना चाहिए और अपनी ईमानदारी व चरित्र की पवित्रता से साक्षात्कारदाताओं को सूचना देने के लिए राजी करना चाहिए।
⦁ कुशलता एवं चतुराई–एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता का कुशल एवं चतुर होना भी अनिवार्य है। एक कुशल एवं चतुर साक्षात्कारकर्ता ही सूचनादाताओं, जो कि विविध प्रकार की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के होते हैं, से ठीक प्रकार से सूचना प्राप्त कर सकता है। उसमें परिस्थितियों के अनुरूप वे सभी सूचनाएँ लेने की क्षमता होनी चाहिए।
निष्कर्ष–उपर्युक्त विवेचन से यह पूर्णतः स्पष्ट हो जाता है कि साक्षात्कार करना एक कला है। इस कला में निपुण होने के लिए साक्षात्कारकर्ता को विविध प्रकार के गुणों से युक्त होना अनिवार्य है।