Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
95 views
in Psychology by (52.9k points)
closed by

व्यावसायिक निर्देशन के लाभ एवं उपयोगिता का उल्लेख कीजिए।

1 Answer

+1 vote
by (55.1k points)
selected by
 
Best answer

व्यावसायिक निर्देशन के लाभ एवं उपयोगिता (Advantages and Utility of Vocational Guidance)
व्यावसायिक निर्देशन व्यक्ति एवं समुदाय के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण एवं लाभकारी सिद्ध होता है। इसकी उपयोगिता को संक्षेप में इस प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है

(1) व्यक्तिगत भेद एवं व्यावसायिक निर्देशन – मनोविज्ञान एवं सर्वमान्य रूप से कोई भी दो व्यक्ति एकसमान नहीं हो सकते और हर मामले में आनुवंशिक और परिवेशजन्य भेद पाये जाते हैं। इन्हीं भेदों के कारण हर व्यक्ति पृथक् एवं दूसरों की अपेक्षा बेहतर कार्य कर सकता है तथा इन्हीं के आधार पर व्यक्ति को सही और उपयुक्त व्यवसाय चुनने होते हैं। व्यावसायिक निर्देशन के माध्यम से व्यक्तिगत गुणों एवं क्षमताओं के आधार पर व्यवसाय चुनने से व्यक्ति को सफलता मिलती है।
(2) व्यावसायिक बहुलता एवं निर्देशन – आजकल व्यवसाय अपनाने का आधार सामाजिक परम्पराएँ व जाति-व्यवस्था नहीं रहा। समय के साथ-साथ व्यावसायिक बहुलता ने व्यवसाय के चुनाव की समस्या को जन्म दिया है। व्यावसायिक निर्देशन में विविध व्यवसायों व कार्यों का विश्लेषण करके उनके लिए आवश्यक गुणों वाले व्यक्ति को चुना जाता है।
(3) सफल एवं सुखी जीवन के लिए सोच – समझकर व्यवसाय चुनने से व्यक्ति के जीवन में स्थायित्व एवं उन्नति आती है। व्यवसाय का उपयुक्त चुनाव सफलता को जन्म देता है जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
(4) आर्थिक लाभ – व्यवसाय में योग्य, सक्षम, बुद्धिमान एवं रुचि रखने वाले कर्मियों को नियुक्त करने से न केवल उत्पादन की मात्रा बढ़ती है, बल्कि उत्पादित वस्तुओं में गुणात्मक वृद्धि भी होती है जिससे व्यवसाय को अधिक लाभ होता है। इस लाभ का अंश कर्मचारियों में भी विभाजित होता है और वे आर्थिक लाभ अर्जित करते हैं।
(5) शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य – विवशतावश किसी व्यवसाय को अपनाने से रुचिहीनता, निराशा, उत्साहविहीनता, कुण्ठाओं एवं तनावों का जन्म होता है; अत: शारीरिक-मानसिक क्षमताओं व शक्तियों का भरपूर लाभ उठाने के लिए तथा दुर्बलताओं से बचने के लिए व्यावसायिक निर्देशन महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी है।
(6) अवांछित प्रतिस्पर्धा की समाप्ति एवं सहयोग में वृद्धि – अच्छे व्यवसाय में पद बहुत कम हैं, जबकि उनके पीछे बेतहाशा दौड़ रहे अभ्यर्थियों की भीड़ अधिक है। इससे अवांछित एवं गला-काट प्रतिस्पर्धा का जन्म हुआ है। व्यावसायिक निर्देशन का सहारा लेकर यदि व्यक्ति अपनी योग्यता, क्षमता वे, शक्ति को आँककर सही व्यवसाय चुन लेगा तो समाज में अवांछित प्रतिस्पर्धा से उत्पन्न भग्नाशा समाप्त हो जाएगी। इससे पारस्परिक सहयोग में वृद्धि होगी।
(7) मानवीय संसाधनों का सुनियोजित एवं अधिकतम उपयोग – मानव-शक्ति को समझना, आँकना और उसके लिए उपयुक्त व्यवसाय की तलाश करना व्यावसायिक निर्देशन का कार्य है। यह निर्देशन राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम का भी एक महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसके अन्तर्गत मानवीय संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग सम्भव होता है, जिससे व्यक्तिगत एवं समष्टिगत कल्याण में अभिवृद्धि की जा सकेगी।
(8) समाज की गत्यात्मकता एवं प्रगति – समाज की प्रकृति गत्यात्मक है। हर पल नयी-नयी परिस्थितियाँ जन्म ले रही हैं। बढ़ती हुई मानवीय आवश्यकताओं, उपलब्ध किन्तु सीमित साधनों एवं प्रगति की परिवर्तनशील अवधारणाओं ने मानव व उसके समाज के मध्य समायोजन की दशाओं को विकृत कर डाला है। इस विकृत दशा में सुधार लाने की दृष्टि से तथा व्यावसायिक सन्तुष्टि के विचार को पुष्ट करने हेतु व्यक्ति को उचित कार्य देना होगा। इसके लिए व्यावसायिक निर्देशन ही एकमात्र उपाय दीख पड़ता है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...