मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य बनाये रखने का एक उपाय मनोरक्षा युक्तियाँ (Defence Mechanisms) भी हैं। मनोरक्षा युक्तियाँ वे चेतन और अचेतन प्रक्रियाएँ हैं जिनसे आन्तरिक अन्तर्द्वन्द्व कम होता है अथवा समाप्त हो जाता है। दो मुख्य मनोरक्षा युक्तियों का सामान्य विवस्ण निम्नलिखित है –
(1) दमन (Repression) – दमन एक मुख्य एवं प्रधान मनोरक्षा युक्ति है। इस मनोरक्षा युक्ति के माध्यम से सम्बन्धित व्यक्ति अपनी अप्रिय एवं समाज-विरोधी इच्छाओं, कटुस्मृतियों एवं घटनाओं को मन के चेतन स्तर से हटाकर अचेतन स्तर पर भेज देता हैं दमन से कुछ हद तक मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा में सहायता प्राप्त होती है, परन्तु निरन्तर दमन की मनोरक्षा युक्ति को अपनाने से कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
(2) प्रक्षेपण (Projection) – प्रेक्षपण भी एक सामान्य रूप से पायी जाने वाली मनोरक्षा युक्ति है। व्यवहार में देखा जा सकता है कि कभी-कभी व्यक्ति में कुछ दोष या कमियाँ होती हैं, परन्तु वह इन दोषों की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेना चाहता। ऐसे में वह अपने आप को दोष-रहित समझने के लिए अपने दोषों या कमियों को अन्य व्यक्तियों पर थोपता या आरोपित करता है। इस प्रकार के दोषारोपण से वह सन्तुष्टि महसूस करता है। यही प्रक्षेपण है।