बाल-अपराध की रोकथाम में विद्यालय द्वारा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी जा सकती है। सर्वप्रथम विद्यालय के शिक्षकों को उन सभी बालकों के प्रति विशेष ध्यान रखना चाहिए जिनकी गतिविधियाँ कुछ असामान्य हों, जैसे कि स्कूल से प्रायः अनुपस्थित रहना, भाग जाना या देर से आना। ऐसे बालकों के अभिभावकों से निरन्तर सम्पर्क बनाये रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त विद्यालय के वातावरण को उत्तम, रोचक एवं आकर्षक बनाकर भी बाल-अपराध की प्रवृत्ति को नियन्त्रित किया जा सकता है। विद्यालय की उत्तम अनुशासन व्यवस्था भी बाल-अपराध की प्रवृत्ति को नियन्त्रित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकती है।