सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Statistics)
‘सांख्यिकी अंग्रेजी शब्द ‘स्टैटिस्टिक्स (Statistics) का हिन्दी रूपान्तर है। अंग्रेजी भाषा का स्टैटिस्टिक्स (Statistics) शब्द लैटिन भाषा के ‘स्टेटस (Status), इटैलियन भाषा के ‘स्टैटिस्टा (Statista) या जर्मन भाषा के स्टैटिस्टिक’ (Statistik) शब्द से उत्पन्न हुआ है। इन सभी शब्दों का अर्थ राज्य (State) होता है। इस प्रकार प्रारम्भ में सांख्यिकी का प्रयोग राज्य विज्ञान के रूप में किया जता था। वास्तविक रूप में सांख्यिकी’ शब्द का प्रयोग करने का श्रेय जर्मन विद्वान् गॉटफ्रायड एकेनॉल (Gottfried Achenwall) को जाता है। उन्होंने 1749 ई० में सांख्यिकी को मानव ज्ञान की एक विशिष्ट शाखा के रूप में प्रयोग किया।
सांख्यिकी’ (Statistics) शब्द का दो अर्थों में प्रयोग होता है—एक ‘एकवचन’ में तथा दूसरा ‘बहुवचन’ में। एकवचन के अर्थ में ‘सांख्यिकी’ का प्रयोग एक विज्ञान के रूप में किया जाता है। बहुवचन के अर्थ में ‘सांख्यिकी का प्रयोग आँकड़ों, संख्याओं या समंकों के रूप में लिया जाता है।
अब हम ‘सांख्यिकी’ (Statistics) शब्द की परिभाषा का उपर्युक्त दोनों ही अर्थों में अध्ययन करेंगे।
बहुवचन के रूप में सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषाएँ
बहुवचन के रूप में ‘साख्यिकी’ शब्द का अर्थ समंकों या आँकड़ों से है जो किसी विशिष्ट क्षेत्र से सम्बन्धित संख्यात्मक तथ्य होते हैं। जनसंख्या, शिक्षा, कृषि, स्त्री-शिक्षा, प्रौढ़-शिक्षा आदि से सम्बन्धित आँकड़े बहुवचन के रूप में होते हैं।
(1) गॉटफ्रायड एकेनवाल के अनुसार, “राज्य से सम्बन्धित ऐतिहासिक और विवरणात्मक महत्त्वपूर्ण तथ्यों का संग्रह ‘समंक’ है।”
(2) डॉ० ए० एल० बाउले के अनुसार, “किसी अनुसन्धान से सम्बन्धित तथ्यों का अंकात्मक विवरण ‘समंक’ होते हैं, जिन्हें एक-दूसरे के सम्बन्ध में रखा जा सकता है।”
(3) होरेस सेक्राइस्ट के अनुसार, “सांख्यिकी से हमारा तात्पर्य तथ्यों के उन समूहों से है जो अनेक कारणों से पर्याप्त सीमा तक प्रभावित होते हैं, जो संख्यात्मक रूप से व्यक्त किये जाते हैं, जिनकी गणना या अनुमान शुद्धता के एक उचित स्तर तक की जाती है तथा जिन्हें किसी पूर्व निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए क्रमबद्ध ढंग से संगृहीत किया जाता है तथा जिन्हें एक-दूसरे से सम्बन्धित करके रखा जाता है।”
उपर्युक्त परिभाषाओं में होरेस सेक्राइस्ट की परिभाषा ही सर्वश्रेष्ठ है। इस परिभाषा में समंकों की सभी विशेषताओं पर पूर्ण प्रकाश डाला गया है।
एकवचन अर्थात् विज्ञान के रूप में सांख्यिकी की परिभाषाएँ
एकवचन के रूप में ‘सांख्यिकी’ शब्द का प्रयोग एक विज्ञान की दृष्टि से किया जाता है। सांख्यिकी विज्ञान की परिभाषाओं को तीन भागों में विभक्त किया गया है –
(क) संकुचित परिभाषाएँ
प्रारम्भ में सांख्यिकी को एक राज्य-विषय के रूप में जाना जाता था; अतः प्राचीन परिभाषाएँ सांख्यिकी के केवल कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालती है जो कि निम्नलिखित हैं
(1) बॉडिंगटन (Boddington) के अनुसार, “सांख्यिकी अनुमानों और सम्भावनाओं का विज्ञान है।” बॉडिंगटन की परिभाषा में सांख्यिकी के क्षेत्र को संकुचित कर दिया गया है। इन्होंने इसे केवल विज्ञान माना है, न कि विज्ञान और कला दोनों।
(2) डॉ० बाउले ने सांख्यिकी की तीन परिभाषाएँ दी हैं –
(i) “सांख्यिकी गणना का विज्ञान है।”
उपर्युक्त परिभाषा में सांख्यिकीय अनुसन्धान की अनेक विधियों में से केवल गणना विधि को महत्त्व दिया गया है, किन्तु केवल गणना ही सांख्यिकीय नहीं है। विशाल संख्याओं का तो मात्र अनुमान लगाया जाता है, उनकी गणना नहीं की जाती; अतः यह परिभाषा अधूरी है।
(ii) “सांख्यिकी को सही रूप में औसतों को विज्ञान कहा जा सकता है।”
प्रस्तुत परिभाषा में औसत पर बल दिया गया है। सांख्यिकीय विश्लेषण में न केवल औसत (मध्य) का प्रयोग होता है अपितु अपकिरण, विषमता, सह-सम्बन्धन आदि का भी प्रयोग किया जाता है; अतः यह परिभाषा भी अधूरी है।
(iii) “सांख्यिकी, सामाजिक व्यवस्था को सम्पूर्ण मानकर माप का विज्ञान है।”
डॉ० बाउले ने इस परिभाषा में सांख्यिकी को केवल सामाजिक संस्थाओं एवं उनके क्रिया-व्यवहार के मापन का विज्ञान कहा है। इस प्रकार गैर सामाजिक क्रियाएँ सांख्यिकी के क्षेत्र से बाहर कर सांख्यिकी का क्षेत्र अति संकुचित बना दिया गया है।
(3) पर्सन और हार्लोज के शब्दों में, “सांख्यिकी तथ्यों के समूह को प्रयोग में लाने का विज्ञान और कला है।”
प्रस्तुत परिभाषा में विश्लेषण की विधियों को स्पष्ट नहीं किया गया है।
(ख) विस्तृत परिभाषाएँ
(1) क्रॉक्स्टन और काउडेन के अनुसार, “सांख्यिकी को संख्यात्मक, समंकों के एकत्रीकरण, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण तथा निर्वचन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।”
(2) प्रो० सैलिगमैन के अनुसार, “सांख्यिकी वह विज्ञान है जो किसी भी अनुसन्धान (जाँच) के क्षेत्र पर प्रकाश डालने के लिए संख्यात्मक आँकड़ों के संग्रहण, प्रस्तुतीकरण, वर्गीकरण, तुलना तथा निर्वचन की रीतियों का प्रयोग करता है।”
(3) लाविट के अनुसार, “सांख्यिकी वह विज्ञान है जो संख्यात्मक तथ्यों के संग्रह, वर्गीकरण तथा सारणीयन से सम्बन्ध रखता है जिसे घटनाओं की व्याख्या, विवरण और तुलना के लिए प्रयुक्त किया जा सके।
उपर्युक्त परिभाषाओं की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
⦁ सांख्यिकी की प्रकृति को स्पष्ट करें
⦁ सांख्यिकी के उद्देश्य को स्पष्ट करें
⦁ सांख्यिकी के विषय-क्षेत्र को स्पष्ट करें तथा
⦁ सांख्यिकी, विज्ञान और कला दोनों है।
(ग) उपयुक्त परिभाषा
सांख्यिकी की उपयुक्त परिभाषा वही हो सकती है जिसमें निम्नलिखित विशेषताएँ हों –
⦁ सांख्यिकी की प्रकृति को स्पष्ट करे
⦁ सांख्यिकी के उद्देश्य को स्ट करे
⦁ सांख्यिकी के विषय-क्षेत्र को स्पष्ट करे तथा
⦁ सांख्यिकी की विभिन्न रीतियों को स्पष्ट करे।
अन्त में हम कह सकते हैं कि सांख्यिकी, विज्ञान एवं कला दोनों ही है जिसमें पूर्व-निश्चित उद्देश्यों के अनुसार सर्वेक्षणों, अध्ययनों एवं प्रयोगों आदि के आधार पर प्राप्त आँकड़ों का संकलन, वर्गीकरण, विवरण, विश्लेषण, तुलना एवं विवेचन किया जाता है। आँकड़ों के विश्लेषण को उद्देश्यों, तथ्यों के पारस्परिक सम्बन्ध को ज्ञात करना, तथ्यों की विशेषताओं को वर्णन करना, तथ्यों के सम्बन्ध में अनुमान लगाना, निष्कर्ष निकालना और भविष्य कथन करना है।