किसी भी स्रोत से ज्ञान प्राप्त करना ही अनौपचारिक शिक्षा है। अनौपचारिक शिक्षा का व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्त्व है। अनौपचारिक शिक्षा के महत्त्व का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है
⦁ अनौपचारिक शिक्षा बालक के भावी जीवन की आधारशिला है। बालक अपने प्रारम्भिक जीवन में अनौपचारिक ढंग से ही शिक्षा प्राप्त करता है। शिक्षा मनोवैज्ञानिकों की दृष्टि में प्रारम्भ के पाँच वर्षों में बालक का व्यक्तित्व अनौपचारिक शिक्षा द्वारा ही निर्मित होता है।
⦁ अनौपचारिक शिक्षा व्यापक है। यह मानव-जीवन के सभी पक्षों से सम्बन्ध रखती है और व्यक्ति को जीवन की यथार्थ परिस्थितियों के साथ सामंजस्य सिखाती है।
⦁ अनौपचारिक शिक्षा द्वारा बालक का सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकसित होता है। बालक सद्-आचरण, व्यवहार, नैतिक-शिक्षा, सभ्यता एवं संस्कृति का अधिकाधिक ज्ञान इसी शिक्षा द्वारा प्राप्त करता है।