शिक्षा के ‘शारीरिक विकास सम्बन्धी उद्देश्य’ को एकमात्र उद्देश्य मान लेने से क्या हानियाँ हैं?
(क) व्यक्ति की जीविकोपार्जन सम्बन्धी समस्या प्रबल रहती है।
(ख) व्यक्ति के चारित्रिक तथा आध्यात्मिक विकास की अवहेलना होती है।
(ग) व्यक्ति के कुछ महत्त्वपूर्ण पक्षों के विकास की अवहेलना होती है।
(घ) उपर्युक्त सभी हानियाँ हो सकती हैं।