Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
409 views
in Geography by (37.4k points)
closed by

फैरल अथवा बाइज बैलेट के नियम को स्पष्ट कीजिए।

1 Answer

+1 vote
by (37.8k points)
selected by
 
Best answer

फैरल का नियम-पवन संचरण के इस नियम का प्रतिपादन अमेरिकी जलवायुवेत्ता फैरल ने किया था। उनके अनुसार, “पृथ्वी पर प्रत्येक स्वतन्त्र पिण्ड अथवा तरल पदार्थ, जो गतिमान है, पृथ्वी की परिभ्रमण गति के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में अपने दाईं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अपने बाईं ओर मुंडू जाता है।” इसी नियम के अनुसार ही सनातनी पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों के अनुकूल तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों के प्रतिकूल चलती हैं।

बाइज बैलेट का नियम-उन्नीसवीं शताब्दी में हॉलैण्ड के जलवायु वैज्ञानिक बाइज बैलेट ने पवन संचरण के सम्बन्ध में एक नवीन सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था। उन्हीं के नाम पर इसे बाइज बैलेट का नियम कहते हैं। उनके अनुसार, “यदि हम उत्तरी गोलार्द्ध में चलती हुई वायु की ओर पीठ करके खड़े हो जाएँ तो हमारे बाईं ओर निम्न वायुभार तथा दाईं ओर उच्च वायुभार होगा। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में दाईं ओर निम्न वायुभार तथा बाईं ओर उच्च वायुभार होगा।” यही कारण है कि सनातनी पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में उच्चदाब के चारों ओर घड़ी की सुइयों के अनुकूल और न्यूनदाब के चारों ओर घड़ी की सुइयों के प्रतिकूल चला करती हैं। दक्षिणी गोलार्द्ध में पवनों की दिशा ठीक इसके विपरीत होती है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...