जब वायुराशि लम्बे समय तक किसी समांगी क्षेत्र पर रहती है तो वह उस क्षेत्र के गुणों को धारण कर लेती हैं। अतः तापमान एवं आर्द्रता सम्बन्धी इन विशिष्ट गुणों वाली यह वायु ही वायुराशि कहलाती है। दूसरे शब्दों में, वायु का वह बृहत् भाग जिसमें तापमान एवं आर्द्रता सम्बन्धी क्षैतिज भिन्नताएँ बहुत कम हों, तो उसे वायुराशि कहते हैं।
वायुराशियाँ जिस समांग क्षेत्र में बनती हैं वह वायुराशियों का उद्गम क्षेत्र कहलाता है। इन्हीं उद्गम क्षेत्रों के आधार पर वायुराशियाँ अग्रलिखित पाँच प्रकार की होती हैं
1. उष्णकटिबन्धीय महासागरीय वायुराशि (mT)
2. उष्णकटिबन्धीय महाद्वीपीय वायुराशि (CT)
3. ध्रुवीय महासागरीय वायुराशि (mP)
4. महाद्वीपीय आर्कटिक वायुराशि (CA)
5. ध्रुवीय महाद्वीपीय (cP)।