घर की सफाई का अर्थ है-घर में गन्दगी का पूर्ण अभाव होना। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से घर को पूर्ण रूप से स्वच्छ रखना अति आवश्यक है, परन्तु गृहिणी के लिए यह कार्य कठिन एवं कष्टप्रद है। अत: एक कुशल गृहिणी इस महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक कार्य को विभिन्न उपकरणों एवं साधनों की सहायता से सम्पन्न करती है।
घर की सफाई के साधन घर की सफाई में काम आने वाले साधन व सामग्री को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(1) कपड़े व चिथड़े-घर की सफाई में कपड़ों तथा चिथड़ों का विशेष महत्त्व है। साधारण सफाई के लिए प्रायः मोटे कपड़े के झाड़न, रसोई में बर्तन पोंछने के लिए, सूती कपड़े के झाड़न, स्नानागार व वाश-बेसिन की सफाई के लिए पुराने व व्यर्थ कपड़ों के बनाए पोंछे प्रयोग में लाए जाते हैं। गीली अथवा नम सफाई के लिए स्पंज और सूती पोंछे का प्रयोग किया जाता है। चाँदी व शीशे की वस्तुएँ तथा फर्नीचर आदि को चमकाने के लिए फलालेन के झाड़न व नरम चमड़े के टुकड़े काम में लाए जाते हैं।
(2) झाड़ एवं ब्रश--विभिन्न प्रकार की झाड़ एवं ब्रश घर को स्वच्छ रखने में विशेष महत्त्व रखते हैं। इनके उदाहरण निम्नलिखित हैं
(क) झाड़-घर की सफाई के लिए सर्वाधिक उपयोग झाड़ का होता हैं। ये कई प्रकार की होती हैं-
⦁ फर्श व आँगन धोकर साफ करने के लिए सख्त सींकों की झाड़,
⦁ साधारण सफाई के लिए नरम झाडू; जैसे—खजूर या झाऊ की झाडू,
⦁ छत एवं दीवार की धूल झाड़ने के लिए लम्बे बाँस वाली नरम झाड़।
(ख) ब्रश-सफाई में प्रयुक्त होने वाले ब्रश प्रायः निम्न प्रकार के होते हैं-
⦁ दरी व कालीन की धूल साफ करने के लिए सख्त तिनकों का ब्रश,
⦁ फर्श साफ करने का नरम ब्रश,
⦁ स्नानगृह व रसोईघर के फर्श को रगड़कर साफ करने के लिए सख्त तिनकों अथवा तार का ब्रश,
⦁ छत एवं दीवार के जाले छुड़ाने के लिए लम्बे बाँस वाला ब्रश,
⦁ बर्तन साफ करने के लिए नाइलॉन व तार के जूने,
⦁ बोतलों एवं शीशियों को साफ करने का नाइलॉन का ब्रश,
⦁ जूते पॉलिश करने का ब्रश,
⦁ पुताई करने के लिए मुंज की कैंची,
⦁ पेन्ट करने के लिए विभिन्न आकार एवं प्रकार के ब्रश।
(3) सफाई के आधुनिक यन्त्र--घर की विभिन्न प्रकार की सफाई के लिए अब कुछ अति आधुनिक उपकरण तैयार कर लिए गए हैं। ये उपकरण विद्युत शक्ति द्वारा चलते हैं तथा इनके प्रयोग से समय एवं श्रम की भी काफी बचत होती है। इस प्रकार के कुछ मुख्य उपकरणों का सामान्य परिचय निम्नवर्णित है
(i) वैक्यूम क्लीनर-यह एक आधुनिक यन्त्र है। इसमें वायु का दबाव बनने के कारण यह धूल एवं गर्द को अन्दर की ओर खींचता है, जो कि एक डिब्बे या थैले में एकत्रित हो जाती है। डिब्बे को बाहर झाड़ दिया जाता है।
(ii) कारपेट स्वीपर—यह भी वैक्यूम क्लीनर के समान कार्य करता है। इसमें एक सख्त ब्रश द्वारा कारपेट व सोफा इत्यादि की धूल एवं गर्द साफ की जाती है, जो कि कारपेट स्वीपर के ‘डस्ट पैन’ में एकत्रित हो जाती है तथा ‘डस्ट पैन’ को बाहर झाड़ दिया जाता है।
(iii) बर्तन साफ करने की मशीन–इस मशीन के एक भाग में, जो ढोल के आकार का होता है, जूठे बर्तन रखकर सोडा अथवा विम डाल दिया जाता है। तत्पश्चात् मशीन को चालू कर दिया जाता है और बर्तन स्वतः ही साफ हो जाते हैं।
(4) कूड़े-कचरे के बर्तन–इनमें मुख्य हैं–कूड़ेदान अथवा डस्टबिन, बाल्टी, मग और तसला इत्यादि। इन्हें कूड़ा-कचरा एकत्रित कर उसे बाहर नियत स्थान पर फेंकने के काम में लाते हैं।
(5) सफाई की सामग्रियाँ-घरेलू सफाई के लिए जहाँ एक ओर कुछ उपकरण या साधन आवश्यक होते हैं, वहीं इस कार्य के लिए कुछ सामग्री भी आवश्यक होती है। घरेलू सफाई के लिए आवश्यक मुख्य सामग्रियों का सामान्य विवरण निम्नलिखित है”
⦁ बर्तनों को साफ करने के लिए राख, विम, निरमा आदि पाउडर, खटाई, नमक, चूना और स्प्रिट इत्यादि उपयोग में लाए जाते हैं।
⦁ धातु एवं शीशे के बर्तन एवं अन्य वस्तुओं को साफ करने व चमकाने के लिए अनेक प्रकार के क्रीम व पाउडर बाजार से खरीदे जा सकते हैं।
⦁ फर्नीचर पर पॉलिश करने के लिए प्रायः वार्निश प्रयोग में लाई जाती है।
⦁ दाग छुड़ाने के लिए बेन्जीन, तारपीन का तेल, ब्लीचिंग पाउडर, सिरका, नींबू व क्लोरीन इत्यादि काम में लाई जाती हैं।
⦁ लोहे के बने दरवाजों, खिड़कियों, रेलिंग व अलमारियों आदि पर मोरचा लगने से बचाने के लिए उन पर विभिन्न पेन्ट किए जाते हैं।
⦁ कीटनाशकों; जैसे-फिनिट, डी० डी० टी०, गैमेक्सीन, फिनाइल, चूना इत्यादि के प्रयोग द्वारा मक्खी, मच्छर आदि हानिकारक कीड़ों की सफाई की जाती है।