पीत ज्वर तेजी से फैलने वाला एक संक्रामक रोग है। यह एक वायरसजनित रोग है। इस रोग के विषाणु का संक्रमण एडीस ईजिप्टिआई (Aedes Aegypti) जाति के मच्छरों के माध्यम से होता है।
पीत ज्वर एक गम्भीर रोग है। इसके प्रकोप से रोगी के यकृत तथा गुर्दे की कोशिकाओं को क्षति पहुँचती है। जब रोगी का यकृत प्रभावित होने लगता है तब रोगी में पीलिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में त्वचा का रंग पीला दिखाई देने लगता है। यही कारण है कि इस रोग को पीत ज्वर नाम दिया गया है। सामान्य रूप से पीत ज्वर दस दिन तक रहता है तथा घातक न हो तो धीरे-धीरे रोगी ठीक होने लगता है।
रोग के लक्षण:
1. रोग के बढ़ते ही व्यक्ति को तेज बुखार होता है।
2. प्रायः रोगी को ठंड लगती है तथा कँपकँपी होती है।
3. पीठ में काफी दर्द होता है।
4. रोगी का शरीर पीला पड़ने लगता है।
बचाव के उपाय:
1. रोग से बचाव का सर्वोत्तम उपाय है-मच्छरों से बचाव का हर सम्भव उपाय करना।
2. इस रोग से बचाव का टीका भी है। एक बार लगवाये गये टीके का प्रभाव लगभग चार वर्ष तक रहता है।
सामान्य उपचार: पीत ज्वर के लक्षण प्रकट होते ही तुरन्त चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उपचार किया जाना चाहिए। रोग का कोई कारगर घरेलू उपचार नहीं है।