निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त रस और उसका स्थायी भाव लिखिए
(क)
देखि देखि रघुबीर तन सुर मराव धरि, धीर।
भरे बिलोचन प्रेम जल पुलकावली सरीर ॥
(ख)
भरे भुवन घोर कठोर रव रबि बाजि तजि मारगु चले।
चिक्करहिं दिग्गज डोले महि अहि कोल कुरुम कलमले ॥
सुर असुर मुनि कर कान दीन्हें सकल बिकल बिचारहीं।
कोदंड खंडेउ राम तुलसी जयति बचन उचारहीं ॥