पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने पर प्राथमिक चिकित्सा-यदि किसी व्यक्ति को पागल कुत्ता, बन्दर, गीदड़ या लोमड़ी आदि कोई भी पशु काट लेता है, तो उस दशा में हाइड्रोफोबिया नामक रोग के हो जाने की आशंका रहती है। इस स्थिति में निम्नलिखित प्राथमिक उपचार अवश्य किया जाना चाहिए.
- पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने पर घाव को साबुन से पानी द्वारा खूब अच्छी तरह धोना चाहिए। भली-भाँति धोने के उपरान्त घाव पर कार्बोलिक एसिड लगाना चाहिए। इस घाव को खुला रखना चाहिए। अर्थात् पट्टी नहीं बाँधनी चाहिए।
- कुत्ते द्वारा काटे गए व्यक्ति को टिटेनस से बचाव का टीका अवश्य लगवा देना चाहिए।
- उपर्युक्त प्राथमिक उपचार के उपरान्त चिकित्सक के परामर्श के अनुसार व्यक्ति को हाइड्रोफोबिया से बचाव के टीके भी अवश्य लगाए जाने चाहिए। पारम्परिक रूप से हाइड्रोफोबिया से बचाव के 14 टीके लगते थे, जो कि व्यक्ति के पेट में लगाए जाते थे तथा काफी कष्टदायक होते थे। अब हाइड्रोफोबिया से बचाव के कुछ आधुनिक टीके तैयार कर लिए गए हैं जो बाँह में लगते हैं तथा कम कष्टकारी होते हैं। ये केवल पाँच टीके ही लगाए जाते हैं।
हाइड्रोफोबिया के लक्षण:
रेबीज विषाणु के संक्रमण के परिणामस्वरूप होने वाले हाइड्रोफोबिया नामक रोग के मुख्य लक्षण निम्नलिखित होते हैं
(i) हाइड्रोफोबिया की दशा में रोगी के गले में तीव्र पीड़ा होती है, गले की मांसपेशियाँ निष्क्रिय होने लगती हैं, कुछ भी खाने-पीने में कठिनाई होती है तथा किसी वस्तु को निगलना असम्भव हो जाता है।
(ii) रोगी व्यक्ति पानी भी नहीं पी पाता तथा कभी-कभी इस दशा में उसे पानी से भय भी लगने लगता है।