अनेक लोगों का विचार है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था केवल उन्हीं देशों के लिए उपयुक्त है जो आर्थिक तथा औद्योगिक दृष्टि से विकसित हैं। उनके विचार में यह प्रणाली भारत एवं पाकिस्तान जैसे विकासशील देशों के लिए उपयुक्त नहीं है। उन विचारकों का कहना है कि देश का ठीक तथा शीघ्र विकास तानाशाही शासन में ही संभव है क्योंकि उसमें अनुशासन रहता है और निर्णय शीघ्र किया जा सकता है। वाद-विवाद में समय नष्ट नहीं करना पड़ता और निर्णय लेते समय सरकार को अगले चुनावों को ध्यान में रखना पड़ता है। किन्तु यह विचार उपयुक्त नहीं है।
यदि हम संयुक्त-राज्य अमेरिका, इंग्लैण्ड तथा भारत जैसे लोकतंत्रीय देशों की ओर ध्यान करें तो हमें यह बात स्पष्ट दिखाई देगी कि इन देशों की सरकारें देश के विकास के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। सरकार द्वारा नागरिकों की भलाई के लिए अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं और लोगों को समान रूप से शिक्षा तथा रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इसके दूसरी ओर तानाशाही शासन में तानाशाह द्वारा नागरिकों की भलाई की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता और लोगों को भी सरकार की आलोचना करने का अधिकार नहीं होती। देश के विकास की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता और थोड़ा-बहुत विकास का लाभ तानाशाह तथा शासक दल के अन्य सदस्यों द्वारा हथिया लिया जाता है। वे गैर-कानूनी तथा भ्रष्ट उपायों से धन इकट्ठा करने में लगे रहते हैं।