लेखक और बस अगर आपस में बातचीत करते तो निम्न जगहों पर उनके बीच इस तरह की बातें होती; जैसे
1. सबसे पहले लेखक और बस की बातचीत वहाँ हुई होगी जहाँ लेखक ने पहली बार बस को देखा।
लेखक – बस माता जी आपको नमस्कार! धन्य हैं आप जो इतनी वयोवृद्धा होने पर भी यात्रियों की सेवा में तत्पर हैं। क्या आप इस उम्र में थकान महसूस नहीं करतीं?
बस – क्या करूँ बेटा? गुलाम हूँ, अपनी मर्जी से कहाँ जी सकती मैं अपनी जिंदगी। बस कंपनी के मालिकों को मुझ बुढ़िया पर तरसे ही नहीं आता, रिटायरमेंट की उम्र में भी मुझसे काम करवाए जा रहे हैं।
2. लेखक की बस से दूसरी बातचीत वहाँ हुई होगी जहाँ बस एकाएक रुक जाती है।
लेखक – बस मैया, रुक क्यों जाती हो बार-बार? लगता है कुछ ज्यादा ही थक गई हो?
बस – तुम चिंता न करो तुम सबको तुम्हारे गंतव्य तक अवश्य पहुँचा देंगी देर-सवेर। थोड़ा मुझे आराम कर लेने दो।
3. लेखक और बस की तीसरी बार बातचीत तब हुई होगी जब बस नाले में गिरते-गिरते बचती है।
बस – मुझे माफ करना बेटा, मेरी वजह से अभी तुम लोगों की यात्रा अंतिम यात्रा हो जाती। क्या करू, आँखों की रोशनी भी कम हो गई है रास्ता भी सूझ नहीं रहा और इस पर इतना कमजोर शरीर, अब चला नहीं जा रहा मुझसे। लेखक – कोई बात नहीं, बस मैया हम तुम्हारी मजबूरी समझ रहे हैं, लेकिन हमें अफसोस है कि हम आपके लिए कुछ नहीं कर सकते।