फसल की कटाई के पश्चात पटसन पादपों की शाखाओं व पत्तियों की सफाई करके तने को बंडलों में बाँधकर तालाब अथवा किसी स्थान पर रुके हुए जल में डुबोकर रखते हैं। 4-5 दिनों के बाद पौधों के मुलायम भाग गल जाते हैं और रेशे स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं। यह क्रिया जल में पाये जाने वाले जीवाणुओं द्वारा होती है। यह प्रक्रिया पटसन की रेटिंग कहलाती है। गले हुए पटसन के तने को हाथों से झटका देकर पीटा जाता है। तत्पश्चातू जूट के तंतुओं को खींचकर निकाला जाता है।