जंगल के सिंहों के सभी बच्चे इस बालक के साथी रहे। यह महान वीर बालक यहाँ निडर होकर घूमता रहा। इस वीर बालक ने अपने भुजबल से सबसे पहले ‘भारत’ के साम्राज्य की स्थापना की। यह महाराज दुष्यंत का वही वीर बालक है, जो हमारे देश भारत के माथे का मुकुट है और उसका नाम ‘भरत’ है।