लेखक का पुराना घर उनके पिता ने मिट्टी के कमरे के स्थान पर ईट-गारे से पक्का मकान बनाया था। मकान बनाने के लिए वे बैलगाड़ी से ईंटें लाए थे और गारे के लिए तालाब से चिकनी मिट्टी खुद खोद कर लाए थे। लेखक की मां ने शहतीर तक गारे के तसले चढ़ाए थे। इस तरह लेखक के माता-पिता ने गाँव के घर को स्वयं मेहनत करके अपने हाथों से बनाया था।