गांव के पुराने घर को लेखक के पिता ने पक्की ईंटों से बनवाया था। वे चिनाई के लिए गारा बनाने के लिए गांव के ‘आंबा तालाब’ से चिकनी मिट्टी लाए थे। घर बनाने में घर के प्रत्येक सदस्य ने सहयोग दिया था। उसी घर में लेखक के सभी भाई – बांधवों का जन्म हुआ था। वहीं उनके दांपत्य जीवन की शुरुआत हुई थी। लेखक की सभी संतानों का जन्म भी उसी घर में हुआ था। उसी घर में लेखक के भाइयों और बहनों के मंडप सजे थे। इस प्रकार पुराने घर के साथ परिवार का गहरा संबंध था।