Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
3.5k views
in Hindi by (45.2k points)
closed by

बाढ़ के दृश्य अथवा नदी का रौद्र रूप

1 Answer

+1 vote
by (49.6k points)
selected by
 
Best answer

बाढ़ के दृश्य अथवा नदी का रौद्र रूप

[बाढ़ का कारण – बाढ़ आने पर – बाड़ के समय – बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद -हमारा कर्तव्य]

सचमुच, बाढ़ लोकमाता नदी का रौद्र रूप है। जोरों की वर्षा से और ऊंचे पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलकर बहने से तट-प्रदेश में बाढ़ का प्रलयंकारी तांडव नृत्य प्रारंभ हो जाता है। कभी-कभी भारी वर्षा के कारण नदी के बांध टूट जाते हैं और नदी में भयंकर बाढ़ आ जाती है।

बाढ़ का जल प्रचंड वेग से हहराता हुआ आगे बढ़ता है। उसकी कूर लपेट में जो कुछ आता है, वह बरबस खिंचा चला जाता है। जानवर रस्सी तोड़कर भागने की कोशिश करते हैं। वे दर्दभरी पुकार करते हुए भागते हैं। ऐसे समय मनुष्य की दुर्दशा की कोई सीमा नहीं रहती। कोई घर के छप्पर या पेड़ पर चढ़ जाता है, तो कोई गाँव के पास यदि टीला अथवा ऊँची भूमि हो तो उसकी शरण लेने दौड़ता है।

बाद के भयंकर वेग से नदी-किनारे पर खड़े बड़े-बड़े पेड़ पलभर में मूल से उखड़कर गिर पड़ते हैं और प्रवाह में बहने लगते हैं। नदी किनारे बसी हुई बस्तियों के छोटे-छोटे मकान पानी में डूब जाते हैं और झोंपड़ियों का तो नामोनिशान भी नहीं रहता! पानी का वेग और स्तर बढ़ते ही मिट्टी के कच्चे घर एकदम गिरने लगते हैं।

‘धड़ाम धड़ाम’ की आवाज़ों, करुण पुकारों और हाहाकार से सारा वातावरण शोकाकुल हो उठता है। खेतों में खड़ी हुई फसलें नष्ट हो जाती हैं। दबते हा मनष्य अपनी जान बचाने के लिए तिनके का सहारा ढंढते हैं। कभी-कभी कोई साहसी उन्हें बचा लेता है, तो कभी-कभी लोग बेबस होकर देखते ही रह जाते हैं।

बहुत-से लोग ऊंचे और पक्के मकानों में आशरा लेने की कोशिश करते हैं। पानी की धारा में पशुओं के शव तथा सांप, बिच्छू, आदि विषैले जीवजंतु भी बहते हुए नजर आते हैं। आसपास के गांवों के लोग सहायता के लिए आ पहुंचते हैं। सरकारी तौर पर भी सहायताकार्य शुरू होता है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाता है। हैलिकोप्टरों के जरिए बाढ़पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाई जाती है। सामाजिक संस्थाएं भी सहायता के लिए आगे आती हैं।

बाढ़ के परिणामस्वरूप सैकड़ों-हजारों मनुष्य और पशु-पक्षी मौत के घाट उतर जाते हैं। स्त्रियाँ और बच्चे बेसहारा हो जाते हैं। बेघर लोगों का कोई शुमार नहीं रहता। उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते, खुराक और पीने का पानी भी दुर्लभ हो जाता है। गड्ढों में जमा पानी और कीचड़ को दूर करना मुश्किल हो जाता है।

रास्ते और पुल टूट जाते हैं। संचार-व्यवस्था ठप हो जाती है। बाढ़ के कारण संपूर्ण जनजीवन चौपट हो जाता है और लाखों की संपत्ति मिट्टी में मिल जाती है। जानलेवा बीमारियां फैलने लगती हैं। हमारे देश में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, नर्मदा आदि नदियों में वर्षाऋतु में अकसर भीषण बाढ़ आती है। तब आसपास विनाश, हाहाकार और दुःखभरे दृश्य दिखाई पड़ते हैं। इस परिस्थिति में बाढ़पीड़ितों की भरपूर सहायता करने के अतिरिक्त बाढ़ रोकने के लिए कारगर उपाय करना बहुत जरूरी है।

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...