इस पाठ में मियाँ नसीरुद्दीन की जो बातें अच्छी लगी, वो निम्नांकित हैं :
अपने पेशे के प्रति समर्पण। मियाँ नसीरुद्दीन नान बनाने के लिए मशहूर हैं । वे अपने इस पेशे को कला समझाकर मन लगाकर सीखते हैं । लेखिका से भी बातें करते हुए भी वे अपने काम पर से ध्यान नहीं हटाते हैं। उनमें आत्मविश्वास का गुण गजब का था। ये छप्पन तरह की रोटियाँ बनाने में कुशल थे।
अपने यहाँ काम करनेवाले सिखाऊ शागिर्दो का शोषण नहीं करते थे। काम भी सिखाते थे और उन्हें पैसे भी देते थे । वे तालीम की तालीम को महत्त्व देते थे अर्थात् हुनर सीखने के बाद उसे अच्छी तरह से विकसित भी करना । वे अपने साथ काम करनेवालों का सम्मान करते हैं।