सामान्य तौर से चाँद खतरनाक नहीं होता – वह सुन्दरता और शीतलता का प्रतीक है मगर हत्याकांड के बाद भी चाँद किसी व्यक्ति को पूर्ववत् (सामान्य) ही लगे, या यों कहिए कि ऐसी स्थिति में भी वह खुशियाँ मनाये, किसी को कोई फर्क ही न पड़े,’ चाँद उनकी आँखों में मिर्ची की तरह न गड़े, उनमें विरोध, प्रतिकार, आक्रोश ही न जगे तो ऐसी संवेदन शून्यता खतरनाक है।