लेखक के अनुसार मनुष्य की बुद्धि या उसका विवेक किसी नयी वस्तु की खोज करें या नये तथ्य का दर्शन कराये तो किसी भी नयी वस्तु की खोज करना ही संस्कृति है और नये आविष्कारों का उपभोग करना ही सभ्यता है। उदाहरण के तौर पर आग की खोज यह आविष्कार है इसे ही संस्कति कहा जाएगा।
आग का उपयोग कर स्वादिष्ट व्यंजन बनाना सभ्यता है, शीतोष्ण में शरीर को ठंड से बचाने के लिए आग का उपयोग करना सभ्यता है। अत: यह कहा जा सकता है कि संस्कृति का परिणाम सभ्यता है। दोनों वस्तुएं एकदम भिन्न है। लोग गलती से दोनों को एक मानने की भूल कर बैठते हैं।
लेखक के अनुसार जिस योग्यता, प्रवृत्ति अथवा प्रेरणा के बल पर आग का आविष्कार हुआ वह है संस्कृति और संस्कृति द्वारा जो आविष्कार हुआ, जो चीज उसने अपने तथा दूसरों के लिए आविष्कृत की, उसका नाम है सभ्यता।