Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
75 views
in Social Science by (77.0k points)
closed by

भारतीय प्राकृतिक विरासत के चार तत्त्वों का वर्णन कीजिए ।

1 Answer

+1 vote
by (80.9k points)
selected by
 
Best answer

(1) भूमिदृश्य: भूमि आकारों द्वारा अनेक भूमि दृश्य सर्जित होते हैं, जैसे हिमालय । हिमालय में अनेक प्रकार की उपयोगी वनस्पति, खनिज, पशु-पक्षी और शिखर बरफ से ढ़के होते है । बारहो महीने बहनेवाली नदियाँ तथा वन उपयोगी होते । हिमालय पर अमरनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, जैसे धार्मिक स्थल, नंदादेवी जैसे शिखर हिमालय पर स्थित है ।

(2) नदियाँ: प्राचीन काल से नदियाँ प्राकृतिक परिवहन की सुविधा देती थी । भारत की संस्कृति सिंधु और राबी नदी के किनारे पर विकसित हुई है । सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, यमुना, कृष्णा, कावेरी जैसी लगभग अनेक नदियों ने लोकजीवन पर प्रभाव डाला है ।

पीने का पानी, सिंचाई, बीजली, खेती, जलमार्ग जैसी हमारी महत्त्वपूर्ण आवश्यकताएँ पूरी करती है । मिट्टी के बर्तन, घर बनाने में तथा मानव जीवन को समृद्ध बनाने में नदियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है ।
हमारी संस्कृति की ऊषा और संध्या नदियों के किनारे पर हुई थी । इसलिए नदियों को हम लोकमाता कहते हैं ।

(3) वनस्पति: भारत की प्रजा आदिकाल से पर्यावरण प्रेमी रही है, जिसका साक्षी उसका वृक्ष प्रेम है । मानव, प्राणी, पशु-पक्षी
आहार के लिए वनस्पति पर निर्भर करते हैं । भारत में पीपल, वड़, तुलसी आदि की पूजा, धूप-दीप, वटसावित्रि, पीपलपूजा की जाती थी । अनाज, दलहन, तिलहन, धन-धान्य से लहराते खेत वनस्पति से भरे वन और औषधी के लिए उपयोगी पौधों ने अति प्राचीन काल से जीवन को समृद्ध बनाया है । हरड़े, बहेड़ा, आँवला, कुँवारपाठा, उडूसी, नीम औषधी, मोगरा, गुलाब, कमल, सूरजमुखी, चंपा, निशीगंधा, जुई आदि पुष्पों ने मानवजीवन को खूब सुंदर, सुवासित और समृद्ध बनाया है ।

(4) वन्य जीवन: प्राचीन काल से ही भारत प्राणी प्रेमवाली संस्कृतिवाला देश है । वाघ, सिंह, गेंडा, हाथी, चिता, शियाल, हिरण, रीछ, रोज, साबर, खरगोश, अजगर, साँप, नाग, नेवला जैसे जीव भारत में पाये जाते है । विश्व में एशियाई सिंह मात्र गिर के जंगलों में पाया जाता है । हमारी धार्मिक मान्यताएँ कुछ वन्यजीवों मोर, बाघ, मगर, गरूड़ आदि को देवी-देवताओं के वाहन के रूप में स्थान दिया है । हमारी राष्ट्रीय मुद्रा में भी चार सिंह, घोड़ा तथा बैल की आकृति देकर उनका मूल्य दर्शाया है ।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...