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संचालन का महत्त्व (Importance of Management) समझाइए ।

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आधुनिक समय में संचालन बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है । किसी भी क्षेत्र की प्रवृत्तियों की सफलता या असफलता का आधार उनके संचालन पर रहता है ।

संचालन का महत्त्व निम्न बातो से स्पष्ट होता है :

(1) प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यक : संचालन यह मात्र उद्योग-धन्धो में नहीं बल्कि धार्मिक, संरक्षण, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक तथा खेलकूद जैसी विविध प्रवृत्तियों में आवश्यक होता है । इस तरह इन समस्त प्रवृत्तियों में आयोजन, व्यवस्थातंत्र, मार्गदर्शन व नियंत्रण जैसे संचालन के विविध कार्य करने पड़ते है ।

(2) साधनों का महत्तम उपयोग : संचालन द्वारा इकाई में उपलब्ध सभी साधन जैसे भूमि, पूँजी, कच्चा माल, कर्मचारी तथा यंत्र आदि का महत्तम उपभोग हो सकता है तथा दुरूपयोग रोका जा सकता है ।

(3) ध्येय प्राप्ति : धन्धाकीय इकाई में ध्येय की प्राप्ति हेतु संचालन अनिवार्य होता है । संचालन के द्वारा ही साधनों का महत्तम उपयोग सम्भव हो सकता है । इस प्रकार इकाई के ध्येयों को प्राप्त किया जा सकता है ।

(4) धन्धे की सफलता हेतु उपयोगी : धन्धाकीय इकाई की सफलता में अन्य परिबलो की तुलना में संचालन का विशेष योगदान होता है । धन्धे की सफलता या असफलता का आधार संचालन पर निर्भर करता है । लघु औद्योगिक इकाइयाँ जो वृहद औद्योगिक इकाईयों का स्वरूप धारण कर सकती हो तो इनमें समस्त योगदान संचालन का होता है । कार्यदक्ष संचालन के कारण ही घाटे में चलनेवाली इकाई लाभ कमानेवाली इकाई बन सकती है ।

(5) रोजगार के अवसर में वद्धि : यदि संचालन कार्यदक्ष हो तो कम्पनी स्वरूप का विकास होता है, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है । जबकि अकार्यक्षम संचालन के कारण बहुत-सी कम्पनियाँ बंद हो जाती है, जिससे बेकारी के प्रमाण में वृद्धि होती है ।

(6) लाभ में वृद्धि : धन्धाकीय इकाई सामान्यत: लाभ के उद्देश्य से ही कार्य करती है । कार्यक्षम और कुशल संचालक अपनी सूडा व योग्यता द्वारा उपलब्ध समस्त साधनों का मितव्ययिता पूर्वक महत्तम उपयोग करके अधिकतम लाभ कमा सकती है । इस प्रकार कहा जा सकता है कि लाभ ही धन्धे की कार्यक्षमता और सफलता का मापदण्ड कहलाता है ।

(7) सामाजिक लाभ : प्रत्येक इकाई समाज में रहकर ही समाज के लिए कार्य करती है । समाज के साधनों का उपयोग करके समाज में स्थित लोगों के लाभ हेतु अपनी कामगीरी करती है । धन्धे की सफलता समाज की समृद्धि तथा सुख में वृद्धि करती है। धन्धाकीय इकाइयाँ विविध वस्तुओं और सेवाओं का कम लागत पर उत्पादन करती है । समाज को उचित मूल्य पर वस्तुएँ प्रदान करती है जिससे समस्त समाज का कल्याण होता है ।

(8) राष्ट्र के विकास हेतु : देश के अर्थतंत्र में आर्थिक, सामाजिक और राष्ट्र के विकास के लिए अनुपयोगी मानव सम्पत्ति तथा उपयोग
में न लिये गये उत्पादन के साधनों का महत्तम उपयोग हेतु कार्यक्षम संचालन आवश्यक होता है ।

इस तरह संचालन के महत्त्व के रूप में निम्न परिभाषाएँ दी गई है :

  1. अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति रूजवेल्ट : ‘एक सरकार बिना अच्छे संचालन के रेत पर बने मकान के समान है ।’
    Roosevelt : ‘A Government without good management is a house built on send.’
  2. लारेन्स एप्पले : ‘संचालन व्यक्तियों का विकास है ।’
    Lowrence Appley : ‘Management is Development of Men.
  3. डॉ. जॉन. एफ. मी. : ‘संचालन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास की मुख्य कुंजी (उत्तर- पुस्तिका) है ।

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