बाजार संचालन में Marketing से सम्बन्धित विभिन्न कार्यों की विचारण के समय ग्राहकों को अधिक से अधिक सन्तुष्टि मिले
इस बात को ध्यान में लिया जाता है । यदि Marketing की प्रवृत्तियों का अनुकरण किया जाये तो ग्राहकों को सन्तुष्टि प्रदान । करने से ग्राहकों की माँग बढ़ती है, जिससे बिक्री बढ़ती है । तथा लाभ में वृद्धि होती है । मार्केटिंग में मुख्य रूप से उत्पादन, मूल्य, वितरणं तथा अभिवृद्धि सम्बन्धी कार्यों का अनुकरण किया जाता है ।
यह प्रत्येक कार्य के समय ग्राहकों को किस तरह अधिक सन्तुष्टि मिले, इस बात को ही ध्यान में लिया जाता है । इस तरह Marketing (बाजार) के ख्याल को ग्राहकलक्षी ख्याल के रूप में पहचाना जाता है ।