संचालन यह किसी एक व्यक्ति के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्ति नहीं है । संचालन यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के सहकार से की जानेवाली समूह प्रवृत्ति है । यदि एक व्यक्ति स्वयं कोई प्रवृत्ति करता हो तो उसे आयोजन, दिशा निर्देश, मार्गदर्शन, अंकुश की आवश्यकता नहीं होती है । जैसे-चित्र बनानेवाला चित्रकार के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्ति में संचालन की आवश्यकता नहीं है । जहाँ सामूहिक प्रवृत्ति होती है वहाँ संचालन आवश्यक बनता है । संचालन में व्यक्तियों के समूह को मार्गदर्शन देना संकलन बनाये रखना तथा नियंत्रण रखने की प्रवृत्ति का समावेश होता है । संचालन की प्रवृत्ति में आदेश करनेवाले अधिकारी (उच्चत्तर) तथा उसका परिपालन करनेवाले सहकार्यकर (मध्य एवं निम्नस्तर) का समावेश होता है । इस प्रकार संचालन यह सामूहिक प्रवृत्ति है ।