यह विधान सत्य है । मध्यस्तर में विभागीय अधिकारियों का समावेश होता है । जैसे क्रय, उत्पादन एवं बिक्री, विभाग में अधिकारी, मध्यस्तर में विभागीय अधिकारी अपने विभाग के सम्पूर्ण जानकार व्यक्ति होते हैं ।
अपने विभाग से सम्बन्धित आयोजन तैयार करते हैं । इनकी संख्या उच्च स्तर से अधिक तथा निम्न स्तर से कम होती है । उच्च स्तर के संचालक मंडलो से प्राप्त आदेश को स्वीकार करते हैं । आदेश से अनुसार कार्य का आयोजन तैयार करते हैं । तथा समयानुसार निम्न स्तर को कार्य के आयोजन को लिखित या मौखिक जानकारी स्वयं या माहिती संचार के माध्य से प्रदान करते है । इसके पश्चात निम्न स्तर ने समयानुसार एवं कार्य के आयोजन अनुसार कार्य हुआ उसकी जानकारी प्राप्त करते है । उच्च स्तर से प्राप्त आदेश अनुसार उसका परिपालन किया कितना किया उसकी जानकारी विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभाग की जानकारी उच्च स्तर के अधिकारीगणों को प्रदान करते हैं । इसलिए मध्य स्तर यह उच्च एवं निम्न स्तर की कड़ी के समान है ।