यह विधान सत्य है । संचालन का उच्च स्तर, मध्य स्तर या निम्न स्तर हो प्रत्येक स्तर में संचालन एवं व्यवस्था अनिवार्य ही है । संचालन अर्थात निर्धारित हेतु को पूर्ण करने के लिए आयोजन तैयार करना आयोजन के अनुसार कार्य सरल बने इसके लिए कर्मचारी की व्यवस्था करनी वह व्यवस्था कहलाती है । उच्च स्तर, मध्य स्तर या निम्न स्तर तीनों स्तरों में निर्धारित हेतु को लक्ष्य में रखकर अपने-अपने स्तर के लिए आयोजन तैयार किए जाते हैं । कार्य पद्धति निर्धारित होती है । संगठन की व्यवस्था की जाती है । अंकुश के कार्य किए जाते है । परन्तु मात्र आयोजन तैयार करने से निर्धारित आयोजन के अनुसार कार्य हो यह . अनिवार्य नहीं है । अतः आयोजन के अनुसार कार्य सरल एवं कठिनाई रहित हो इसके लिए सत्ता जिम्मेदारी का वितरण किया जाता है । कर्मचारी कितने चाहिए, कहाँ से प्राप्त होंगे कब प्राप्त करना है । किस कार्य से जानकार चाहिए वे कौन-सा कार्य करेंगे इत्याद प्रश्नों की चर्चा की जाती है । अर्थात् व्यवस्था के बारे में विचार किया जाता है । अतः संचालन एवं व्यवस्था दोनों की प्रत्येक स्तर के लिए अनिवार्य है ।