आधुनिक युग में धन्धे में तथा व्यक्तियों को अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है । इन जोखिमों से माल-मिलकत को और व्यक्ति को नुकसान होता है । यह नुकसान दो प्रकार का होता है : भौतिक नुकसान और आर्थिक नुकसान । माल-मिल्कियत को आग लगने से उसका थोड़ा या पूरा भाग जल जाता है, यह भौतिक नुकसान है । इस जले हुए भाग की कीमत जितना उसके मालिक को आर्थिक नुकसान होता है । बीमा यह (भौतिक) नुकसान रोक नहीं सकता है । परन्तु आर्थिक नुकसान को भरपाई कर देता है । इस प्रकार नुकसान की भरपाई होने से बीमेदार को जोखिम के सामने सुरक्षा मिलती है । इसलिए कहा जाता है कि बीमा जोखिम रोकता नहीं है परन्तु जोखिम के सामने रक्षण देता है ।