मानसूनी पवने देश में एकदम तीव्र गति से उवेश करती है । इससे वर्षा मूसलाधार होती है । भारत के मानसून का समय हवा के दबाव पर निर्भर करता हैं । किसी भी जगह मानसून के दिनों की संख्या निश्चित नहीं होती है । मानसूनी वर्षा कभी लगातार कई दिनों तक होती रहती है, जिससे बाढ़ आ जाती है, तो कभी बीच में समय छोड़कर आती है । मानसूनी वर्षा में समय और स्थान के अनुसार परिवर्तन देखा जा सकता है । किसी वर्ष औसत से अधिक और किसी वर्ष औसत से कम वर्षा होती है । वर्षा संदिग्ध रहती हैं । किसी वर्ष बहुत से भागों में वर्षा होती है तो किसी वर्ष नहीं होती । इस प्रकार भारतीय वर्षा अनिश्चित, अनियमित है, कभी कुछ स्थानों पर अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि होती है, कभी समय से पूर्व तो कभी समय के बाद होती हैं ।