हम जगत में सुख, शांति और मैत्रीभाव अर्पण करना चाहते हैं। आज जगत में बुराइयाँ बढ़ रही हैं। जीवन में सुख-शांति का अभाव है। लोग एक-दूसरे के शत्रु बन रहे हैं। वे एक-दूसरे से बदला लेने के लिए तत्पर हैं। इसलिए इस अशांत और द:खी जगत को हम सुख, शांति, प्रेम और मैत्री अर्पण करना चाहते हैं।