अंधा और बढ़ा भिखारी राह के बीच पडा कराह रहा था। देवेन्द्र ने उसे वहाँ से उठाकर फूटपाथ पर बिठाया, जो रोटी बाहर गिर गई थी, वह कटोरे में डाल दी। सड़क पर उसके बिखर गए पैसे भी कटोरे में डाल दिए। भिखारी के पाँव में लगे घाव से खून बह रहा था। इसलिए देवेन्द्र उसे सहारा देकर अस्पताल ले गया और वहाँ उसने भिखारी को भरती करा दिया।