कुटीर व लघु उद्योगों में अन्तर —
- कुटीर उद्योग प्रायः गांवों में होते हैं, जबकि लघु उद्योग अधिकतर शहरों में होते हैं।
- कुटीर उद्योगों में परिवार के सदस्यों से ही काम चल जाता है, जबकि लघु उद्योगों को चलाने के लिए भाड़े के मज़दूर लगाने पड़ते हैं।
लघु एवं कुटीर उद्योगों की समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव-
- इन उद्योगों को कच्चा माल उचित मात्रा व उचित कीमत पर उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
- इन उद्योगों को ऋण उचित मात्रा व उचित ब्याज दर पर उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
- इन उद्योगों को विक्रय सम्बन्धी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि इनको अपने माल की उचित कीमत मिल सके।
- इन उद्योगों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले उत्पादन के तरीकों में सुधार किया जाना चाहिए। इससे इनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी व प्रति इकाई लागत कम होगी।