1837 ई० में रूस, एशिया की ओर बढ़ने लगा था। अंग्रेजों को यह भय हो गया कि कहीं रूस अफ़गानिस्तान द्वारा भारत पर आक्रमण न कर दे। अतः उन्होंने अफ़गानिस्तान के साथ मित्रता स्थापित करनी चाही। इस उद्देश्य से कैप्टन बन्ज (Burnes) को काबुल भेजा गया। परन्तु वहां के शासक दोस्त मुहम्मद ने इस शर्त पर समझौता करना स्वीकार किया कि अंग्रेज़ उसे रणजीत सिंह से पेशावर का प्रदेश लेकर दें। अंग्रेजों के लिए रणजीत सिंह की मित्रता भी महत्त्वपूर्ण थी। इसलिए उन्होंने इस शर्त को न माना और अफ़गानिस्तान के भूतपूर्व शासक शाह शुजा के साथ एक समझौता कर लिया। इस समझौते में रणजीत सिंह को भी शामिल किया गया। यही समझौता त्रिदलीय संधि के नाम से प्रसिद्ध है।