प्रत्येक वस्तु के दो पहलू होते हैं। एक पहलू उसकी अच्छाइयाँ बताता है, दूसरे में उसकी बुराइयाँ दिखाई जाती है। विज्ञान को भी इस कसौटी पर कसें । तो सबसे पहले उसके अच्छे पहलू हमारे सामने आते हैं।
विज्ञान ने बिजली की खोज कर मानवजाति पर बड़ा उपकार किया है। ट्यूबलाइट, पंखे, ए.सी., कूलर, फ्रीज, गीजर, लिफ्ट तथा बिजली से चलनेवाली अन्य । मशीनें विज्ञान की अद्भुत देन है। डॉक्टरी पेशे के तमाम उपकरण, एलोपेथी दवाइयाँ, विज्ञान ने ही हमें दी हैं। टेलीफोन और मोबाइल हमें विज्ञान से मिले हैं। फिल्में और दूरदर्शन विज्ञान के ही उपहार हैं। कम्प्यूटर देकर तो विज्ञान ने आज की दुनिया ही बदल डाली है। मोटर, बस, ट्रेन, हेलिकोप्टर, हवाई जहाज आदि वाहन भी विज्ञान के ही दिए हुए हैं। विज्ञान के कारण आज मनुष्य अंतरिक्ष में पहुँच गया है। चाँद की धरती पर उसने अपने कदम रख दिए हैं। विज्ञान के इन अनमोल वरदानों के कारण मानव आज धरती पर ही स्वर्ग के सुख लूट रहा है।
इन सब वैज्ञानिक आविष्कारों के साथ ही विज्ञान ने बंदूक, पिस्तौल, परमाणु बम्ब जैसे हिंसा और विनाश के साधन भी हमें दिए हैं। विज्ञान के कारण आज जल, थल और वायु में प्रदूषण भी बढ़ा है। इसमें संदेह नहीं कि ये विज्ञान के अभिशाप है। परंतु विज्ञान के वरदानों की तुलना में उसके अभिशाप खतरनाक होने पर भी कमजोर पड़ जाते हैं। सच तो यही है कि यदि विज्ञान न होता तो मानवजाति आज भी वही जीवन जीती जो आदिकाल में जंगलों में रहनेवाले लोग जीते थे। इसलिए हमें विज्ञान को वरदान और आधुनिक वैज्ञानिकों का आभार मानना चाहिए। उनके प्रयत्नों से ही हमें वे वैज्ञानिक सुविधाएँ मिली हैं।