भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों का वर्णन इस प्रकार है-
1. कार्यकारी अधिकारी-
- सभी कानून राष्ट्रपति के नाम पर लागू होते हैं।
- वह प्रधानमन्त्री तथा उसके परामर्श से अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति करता है।
- वह युद्ध तथा सन्धि की घोषणा करता है।
- वह विदेशों में अपने राजदूत नियुक्त करता है तथा विदेशों से आने वाले राजदूतों को मान्यता देता है।
2. वैधानिक अधिकार-
- उसकी स्वीकृति के बिना कोई भी बिल कानून नहीं बन सकता।
- वह प्रधानमन्त्री की सलाह से लोकसभा को निश्चित समय से पहले भंग कर सकता है।
- वह राज्यसभा के लिए 12 तथा लोकसभा के लिए 2 सदस्य मनोनीत करता है।
3. वित्तीय अधिकार- कोई भी धन-बिल राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना लोकसभा में पेश नहीं किया जा सकता है।
4. न्याय सम्बन्धी अधिकार-
- राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।
- वह कैदियों की सज़ा कम या माफ कर सकता है।
5. संकटकालीन शक्तियां- राष्ट्रपति बाह्य आक्रमण या आन्तरिक सशस्त्र विद्रोह, आर्थिक संकट और राज्य सरकार के ठीक न चलने पर संकटकाल की घोषणा कर सकता है।