भारत संसार के सभी देशों विशेषकर अपने पड़ोसी देशों के साथ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने का इच्छुक है। पाकिस्तान तथा चीन भारत के दो महत्त्वपूर्ण पड़ोसी देश हैं। इनके साथ भारत के सम्बन्धों का वर्णन इस प्रकार है
भारत तथा पाकिस्तान- पाकिस्तान के साथ भारत आरम्भ से ही मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयत्न कर रहा है। देशी रियासत कश्मीर (जम्मू एवं कश्मीर) के भारत के साथ विलय को पाकिस्तान ने मान्यता नहीं दी थी। तभी से कश्मीर भारत तथा पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। कश्मीर समस्या के कारण भारत ने पाकिस्तान के साथ तीन प्रमुख तथा अनेक छोटे-मोटे युद्ध लड़े हैं। इनमें 1999 ई० का कारगिल युद्ध भी शामिल है।
1971 ई० के भारत- पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् भारत की प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी तथा पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जुल्फीकार अली भुट्टो के बीच 1972 ई० में शिमला में समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच सभी विवादों का शान्तिपूर्वक समाधान करना था। इसी उद्देश्य से भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ के मध्य लाहौर में समझौता हुआ। अभी कुछ साल पहले ही दोनों देशों के मध्य बस तथा रेल सेवाएं आरम्भ की गई हैं। इन सेवाओं द्वारा दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के निकट आये हैं। अब तीर्थ यात्री दोनों देशों में स्थित धार्मिक स्थानों की यात्रा कर सकते हैं। भारतीय तथा पाकिस्तानी समाज-सेवक तथा लेखक एक-दूसरे देश में आ-जा सकते हैं। अत: दोनों देशों के मध्य आरम्भ की गई बस तथा रेल सेवाएं दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को मज़बूती प्रदान कर सकती हैं।
हमें विश्वास है कि आने वाले समय में दोनों देशों के मध्य की समस्याओं का शान्तिपूर्वक समाधान कर लिया जायेगा।
भारत तथा चीन- भारत और चीन के बीच प्राचीन काल से ही मित्रतापूर्ण सम्बन्ध बने हुए हैं। व्यापार तथा बौद्धधर्म के कारण ये दोनों देश आपस में जुड़े हैं। 1949 ई० में, जब चीन में साम्यवादी क्रान्ति आई, तब नई सरकार को मान्यता देने वाले देशों में से भारत पहला देश था। भारत ने यू० एन० ओ० के सदस्य के रूप में चीन का समर्थन किया। 1954 में भारत ने चीन के साथ पंचशील के सिद्धान्तों पर आधारित एक समझौता किया परन्तु 1962 ई० में सीमा-विवाद के कारण भारत तथा चीन के बीच एक युद्ध हुआ था। इस युद्ध के पश्चात् कई वर्षों तक दोनों देशों के सम्बन्ध कटुतापूर्ण बने रहे। इसके बाद 1980 ई० में भारत तथा चीन के सम्बन्धों में सुधार आया। भारत तथा चीन के प्रधानमन्त्रियों ने निरन्तर बैठकें करके अनेक छोटी-बड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया। आज दोनों देश अपने सीमा विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।